मध्यप्रदेश के कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली नंबर-36 की अपनी अलग पहचान है और रेलवे के लिए भी कुछ खास है। जी हां, क्योंकि कुली नंबर- 36 एक महिला है। वह अपना पूरा नाम संध्या मारावी बताती है। बांह पर पहने पीतल के कुली नंबर-36 के बिल्ले को भी दिखाती है। 65 पुरुष कुलियों के बीच वह अकेली महिला कुली है।

संध्या को घर से कटनी रेलवे स्टेशन तक आने के लिए जबलपुर से रोज 45 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार 2016 में इस महिला कुली के पति की बीमारी से मौत हो चुकी है। पति की मौत के बाद पहले यह काम मजबूरी थी। अब लक्ष्य बन गया है। वह कहती है, काम कोई छोटा नहीं होता, सोच और संकोच छोटा होता है। संध्या की मंशा है कि उसके बच्चे पढ़-लिखकर भारतीय सेना में शामिल हों।
घर में तीन छोटे बच्चों के अलावा घर में बूढ़ी सास भी हैं। मूलरूप से मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है। संध्या मारावी के मजदूर पति की मौत बीमारी के चलते 22 अक्तूबर 2016 को हो गई थी। तीन छोटे बच्चों के अलावा कुनबे में उसकी बूढ़ी सास भी हैं। पति की मौत के बाद विधवा हो गई संध्या ने अपनी हिम्मत और हौसला नहीं खोया। कुनबे की परवरिश का जिम्मा उसी के कंधों पर आ पड़ा।